Wednesday 3 July 2013

लहू तो लहू है l

लहू तो लहू है ,
तेरी-मेरी सब की ,
लहू पुकारती है ,सभी रिश्तों से परे ,
गर्म लहू-सर्द लहू ,
कुछ कभी सर्द नहीं होती ,
कुछ खौलती ही नहीं ,
सूर्य की किरणें रात  का सबूत खोजती है ,
शाम रात परोसती है ,
ख्वाब तो आते ही रहते हैं ,
ताबीर नहीं होती ,आँखे कतरा सी जाती है ,
कौन-कैसे दरयाफ्त करेगा ,
अपने होने का सबूत ,
वजूद सुगबुगाती है,
नस्ल के नये होने का दस्तूर ,
मोहब्बत ज़माने के आगे बिछी है ,
गर्द में समोई ,जलील होती ,
क्या मंजिले पायेगी ?
उसकी जूनून बनी है आवारगी ,
जो लिपटी है चिथरों में ,
धड़कने बदस्तूर है ,
तारीखें दर्ज है ,
धरती है .....आसमां है ,
इन्सान है---जानवर है ,
हवा बहती ही रहती है ......
समन्दर से समन्दर तक ..............

20 comments:

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    1. Bahut hi sunder chitrn
      APRNA ji

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    2. dhanybad ji....Ritaji yese hi hausla badhate rahiye.....

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    3. bahut aabhar ji....Asha Sharma Dohroo ji....

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    4. बहुत ही अच्छी रचना है। " अपने होने का सबूत,वजूद सुगबुगाती है- मोहब्बत ज़माने के आगे बिछी है, गर्द में समोई,जलील होती,क्या मंजिले पायेगी?" मोहब्बत की मंज़िल और मोहब्बत क्या होती है, आज तक कोई नही समझ पाया है। अनुरोध है कि अपने आप से भी पूंछे और फिर दूसरी रचना लिखे - इतनी सुन्दर रचना के लिये आप्का अभिनन्दन।

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    5. बहुत ही अच्छी रचना है। " अपने होने का सबूत,वजूद सुगबुगाती है- मोहब्बत ज़माने के आगे बिछी है, गर्द में समोई,जलील होती,क्या मंजिले पायेगी?" मोहब्बत की मंज़िल और मोहब्बत क्या होती है, आज तक कोई नही समझ पाया है। अनुरोध है कि अपने आप से भी पूंछे और फिर दूसरी रचना लिखे - इतनी सुन्दर रचना के लिये आप्का अभिनन्दन।

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  2. wah bahut khoob abhivyakti ..

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    1. Sukriya ji aapke.....Kavita Verma ji.....

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  3. भाषा का चयन बहुत खूबसूरत है - बधाई ।

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    1. Aapko bhasha achhi lagi dil se aabhar.....Susheel Guru ji.....

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  4. अपर्णा जी कविता अच्छी है। खासकर इस पंक्ति की भाव व्यंजकता काफी महत्त्वपूर्ण है ...'सूर्य की किरणें रात का सबूत खोजती है ,'..

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    1. Aap samay nikal mere blog pe aayen...aabhar ji....Prafful ji..

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  5. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ,मन के भावो को सुन्दरता से शब्दों में पिरोया है। कविता की हर पंक्ति आगे पढने को उत्साहित करती है।सुंदर कविता की रचना के लिए बहुत बहुत साधू वाद ,अपर्णा जी

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    1. Nand Kishore ji aap blog pe aake mere haushla ko badhaya....bahut-bahut dhanybad..

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  6. बहुत सुन्दर................

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    1. aap mere blog tak aayen...thnx..yunhi mere utsah ko badhte rahiyega....Vendin machine gurgaon..

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  7. सुंदर ..भावात्मक ..अभिव्यति ..

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  8. वाह ... बहुत ही बढिया ... इस उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति के लिये आभार

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    1. aap yaha tak aake padhen....aabhar ji aapka...sanjoy bhaskar ji....

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  9. बहुत बढिया

    उत्‍कृष्‍ट रचना

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